हरियाणा के लोगों के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में अब स्टिल्टस प्लस 4 (बहुमंजिला) योजना को मंजूरी दे दी गई है। हरियाणा के वित्त और नगर एवं योजना विभाग के मंत्री जेपी दलाल मंगलवार को चंडीगढ़ में यह एलान किया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि सरकार ने स्टिलट+ 4 बनाने की अनुमति दी थी। लेकिन बाद में इस पर कुछ ऐतराज आए थे। इसके चलते पूर्व सीएम की तरफ से विधानसभा में एक कमेटी गठित की गई थी।
मंत्री जेपी दलाल ने कहा ज्यादातर जगह स्टिलट+ 4 की अनुमति दी गई है। एक यूनिट में अगर 18 लोग रहेंगे, उसमें स्टिलट+ 4 की अनुमति होगी। जिन जगहों पर 10 मीटर चौड़ी सड़क होगी वहां स्टिलट+ 4 का निर्माण कर सकते हैं। इसके साथ ही मालिक को स्टिल्ट+ 4 के लिए पड़ोसी की अनुमति लेना जरूरी होगा।
बेसमेंट की अनुमति नहीं
वहीं मंत्री जेपी दलाल ने यह भी बताया कि स्टिलट+ 4 बनाना एचएसवीपी के सेक्टर, बिल्डर्स जो कॉलोनी के लाइसेंस लेंगे उन पर और अधिकृत कॉलोनी पर लागू हैं। इसके अलावा 250 गज के छोटे प्लांट में बेसमेंट की अनुमति नहीं होगी।
ग्रुरुग्राम में यह रहेंगी शर्तें
प्रतिदाय राशि की गणना के लिए एक उदाहरण के रूप में गुरुग्राम में स्थित 600 वर्ग मीटर के एक भूखंड के लिए जिस पर आधार एफएआर 1.2 है और पीडीआर के साथ अधिकतम स्वीकार्य एफएआर 2.4 तक है। लेकिन, आवंटी 1.9 का एफएआर प्राप्त करने में सक्षम है, तो शेष अप्रयुक्त एफएआर 0.5, यानी 300 वर्ग मीटर के लिए आवंटी निम्नलिखित के अनुसार गणना की गई राशि के प्रतिदाय के लिए पात्र होगा। शेष अप्रयुक्त एफएआर (वर्ग मीटर में) को प्लॉट आकार के लिए पीडीआर (रुपये प्रति वर्ग मीटर में) उस क्षेत्र में जिसमें प्लॉट स्थित है की लागू निर्धारित दर से गुणा किया जाता है। यदि प्लॉट गुरुग्राम (हाइपर पोटेंशियल जोन) में स्थित है, तो वापसी योग्य राशि 24,21,000/- रुपए होगी और यदि प्लॉट पानीपत (हाई॥ पोटेंशियल कोन) में स्थित है, तो गसी योग्य राशि 14,53,500/- रुपए होगी।